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हर्षद कुमार टी सोलंकी
अध्यक्ष, बैंक नराकास, जयपुर

बृजमोहन मीना
उपाध्‍यक्ष, बैंक नराकास, जयपुर


अम्ब्रेश रंजन कुमार
सदस्य सचिव, बैंक  नराकास, जयपुर,

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अध्‍यक्ष, नराकास का संदेश

 

 

 

साथियो,

नमस्‍कार,
 

बैंक ऑफ़ बड़ौदा के संयोजन में कार्यरत बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति (नराकास), जयपुर के मंच से आपसे संवाद स्‍थापित करना मेरे लिए गर्व और हर्ष की बात है। बैंक नराकास, जयपुर देश की सर्वाधिक पुरानी समितियों में से एक है। इस समिति का गठन वर्ष 1985 में हुआ। अपनी स्‍थापना के पश्‍चात् ही समिति निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है। वर्तमान में इस समिति से 26 सदस्‍य कार्यालय जुड़े हैं। यह प्रसन्‍नता की बात है कि देश की इस प्रतिष्ठित समिति को जयपुर नगर स्थित सभी कार्यालयों का निरंतर सहयोग मिल रहा है। यही वजह है कि हम समय के साथ और मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं।

देश के प्रतिष्ठित वित्‍तीय संस्‍थानों, नियामक कार्यालयों की सदस्‍यता से सुसज्जित यह समिति राजभाषा की प्रगति को लेकर बहुत ही सजगता से कार्य कर रही है। नराकास, जयपुर के कार्यनिष्‍पादन को भारत सरकार से भी सराहना मिलती रही है। इसी सराहना के रूप में समिति को कई बार भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के सर्वोच्‍च पुरस्कार से भी नवाजा गया है। मैं समझता हूं कि समिति की यह उपलब्धि सभी सदस्‍य कार्यालयों की उपलब्धि है। समिति की किसी भी उपलब्धि में नराकास के सभी सदस्‍य कार्यालय के प्रतिनिधिगण की सक्रियता परिलक्षित होती रही है।

आप जानते हैं कि जयपुर भाषाई दृष्टि से ‘क’ क्षेत्र में आता है। भारत सरकार द्वारा हिंदी प्रयोग संबंधी अनुदेशों के अनुसार ‘क’ एवं ‘ख’ भाषाई क्षेत्र से यहां हिंदी में 100% पत्राचार करना अपेक्षित है। भारत सरकार के निर्देशों के अनुपालन के साथ-साथ हमें अपनी भाषा के प्रयोग को बढ़ाने की जिम्‍मेदारी स्‍वयं लेकर आगे बढ़ना है। इससे न केवल हम स्‍वत: अनुपालन के लक्ष्‍य हासिल करेंगे बल्कि हम अपनी भाषा के विकास के लक्ष्‍य के संबंध में भी बिना किसी दबाव के न्‍याय कर सकेंगे। अपनी भाषा में समृद्ध और पठनीय सामग्री का विस्‍तार हमारा लक्ष्‍य होना चाहिए तभी हम बोली के साथ-साथ कागजों और डिजिटल लेखन-पठन की दुनिया में अपनी भाषा का विस्‍तार कर सकेंगे। इसके साथ ही हम अपना समृद्ध भाषाई ज्ञान और इससे जुड़ी समृद्धि आने वाली पीढ़ी को सौंप सकेंगे।

नराकास के मंच से और इस मंच के परे भी आइए हम सभी मिलकर अपनी भाषा के प्रति न्‍याय करते हुए इसकी खूबसूरती, इसके भाव-विचारों की सुंदरता और इसमें निहित हमारी प्राकृतिक और नैसर्गिक विशेषताओं के साथ संवहनीय विकास के रास्‍ते साथ-साथ आगे बढ़ें।

शुभकामनाओं के साथ,

(हर्षद कुमार टी सोलंकी)
महाप्रबंधक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा
एवं अध्‍यक्ष, नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, जयपुर


 

उपाध्‍यक्ष, नराकास का संदेश

 
 

 

 

साथियो,

नमस्‍कार,

बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति (नराकास), जयपुर के माध्‍यम से आपसे जुड़ना मेरे लिए प्रसन्‍नता की बात है। आप जानते हैं कि नगर समिति, जयपुर देश के प्रतिष्ठित समितियों में से एक है। जहां तक समिति के मंच से राजभाषा के कार्य को गति देने की बात है तो मेरा मानना है कि समिति के सभी सदस्‍य कार्यालय इस दिशा में एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। समिति के सदस्‍य कार्यालयों के सहयोग और सक्रियता से समिति को अलग-अलग मंचों से सराहना मिलती रही है। हम जानते हैं कि नराकास का उद्देश्‍य नगर स्थित सरकारी कार्यालयों में राजभाषा के कार्य की नियमित निगरानी के साथ-साथ कार्यालयों में हिंदी के कार्य को बढ़ावा देना है।

नगर समिति, जयपुर विभिन्‍न अवसरों तथा अलग-अलग आयोजनों के जरिए सदस्‍य कार्यालयों के स्‍टाफ-सदस्‍यों को हिंदी के प्रयोग के प्रति जागरूक करता रहा है। राजस्‍थान की एक विशेषता है कि यहां लोगों का अपनी संस्‍कृति, संस्‍कार और भाषा को लेकर अटूट जुड़ाव है। तभी ‘पधारो म्‍हारो देश’ कहना आज भी उतना प्रसिद्ध और प्रासंगिक है। विशेष बात यह है कि हमने हिंदी की ‘बोली से कलम’ तक की यात्रा को बरकरार रखा है। डिजिटल युग में जहां हिंदी के प्रसार को लेकर कहीं कुछ चुनौती महसूस हो रही थी, आज हिंदी की सशक्‍तता ने उस चुनौती पर भी विजय हासिल करते हुए डिजिटल क्षेत्र में भी हिंदी में विचारों और भावों की अभिव्‍यक्ति को बल दिया है।

डिजिटल क्षेत्र में हिंदी के प्रसार को देखते हुए हमारे समक्ष हिंदी का सकारात्‍मक भविष्‍य दिख रहा है। वास्‍तव में हिंदी अपनी सक्षमता के कारण ही आज बेहतर स्थिति में खड़ी दिखती है और आज जरूरत है हम अपने योगदान से इसे और उन्‍नति के पथ पर आगे ले जाएं। नगर समिति के मंच से इस उद्देश्‍य में उपयोगी भूमिका का निर्वाह किया जा सकता है।

मेरा विश्‍वास है कि भारत सरकार, गृह मंत्रालय के मार्गदर्शन में यह समिति राजभाषा के क्षेत्र में नित नए कार्य करते हुए राजभाषा हिंदी के प्रयोग में वृद्ध‍ि का मिसाल पेश करती रहेगी।

शुभकामनाओं के साथ,

(बृजमोहन मीना)
उप महाप्रबंधक (अनुपालन एवं आश्‍वासन)
उपाध्‍यक्ष, नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, जयपुर
 
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Durgapura, Tonk Road, Jaipur-302018


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